यह ज़िन्दगी पल भर की !!
खड़ा होना सिखा की दौड़ने को मजबूर करती!!
बोलना सिखा की हर पल रोने को मजबूर करती!!
यह ज़िन्दगी पल भर की!!
देखना सिखा की आँखों को चकाचौंध करती
जीवन चक्र को अपने हाथों पे नाचती
यह ज़िन्दगी पल भर की!!
सागर की लहरों की तरह हमें भी उछलती
हर काल हर समय पे हमपे मंडराती
यह ज़िन्दगी पल भर की!!
हम इसे समझने में लगते यह हमें समझती रहती
किसी को हंसती किसी को रुलाती
यह ज़िन्दगी पल भर की!!
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